Lakshadweep Facts: लक्षद्वीप, भारत के एक प्रमुख समुंद्री द्वीप है जो अरब सागर में स्थित है। ये 36 छोटे-छोटे द्वीपों से बना है और 10 इसके 10 द्वीपो पर लोग निवास करते है। इसका मुख्य शहर और राजधानी कवरत्ती है। लक्षद्वीप का मतलब है “लक्ष्य दीप,” जो कि मलयालम भाषा से आया है। ये स्थल पर्यावरण, सौंदर्य और समुंद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहां की जनता मुख्य रूप से मलयाली और महल है। लक्षद्वीप की अधिकतर आबादी इस्लाम धर्म का अनुसरण करती है। भारत के दक्षिण पश्चिमी तटो से लक्षद्वीप की दूरी 200-400 किमी है। वैसे तो भारत सरकार वर्ष 2019 से इस द्वीप पर पर्यटन को बढ़ावा देने और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम कर रही है, लेकिन मालदीव के साथ भारत के बढ़ते विवाद और चीन समर्थित सरकार के कारण से इसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई।
Lakshadweep PM Modi: हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया। PM Modi ने लक्षद्वीप की कई खूबसूरत जगहों की यात्रा की और साथ ही सोशल मीडिया पर तस्वीरे और वीडियो शेयर की। मोदी ने देशवासियों से यह आग्रह किया की जो लोग साहसी कार्यों (एडवेंचर) करने का शौक रखते है, उन्हें लक्षद्वीप अवश्य जाना चाहिए। लक्षद्वीप का दौरा करने के बाद यह सुर्खियों में बना हुआ है और सोशल मीडिया पर लगातार #exploreindianidlands ट्रेंड कर रहा है। ऐसे में बहुत से लोग लक्षद्वीप का इतिहास क्या है, लक्षद्वीप भारत का हिस्सा कैसे बना आदि के बारे में जानना चाहते है।
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लक्षद्वीप का इतिहास (History of Lakshadweep)
लक्षद्वीप का इतिहास समुंदरी व्यापार, समुद्री यात्रा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से भरा हुआ है। इसका प्राचीन इतिहास अरब सागर के सामुद्रिक मार्ग पर आधारित है और इसका सबसे पुराना जिक्र ग्रीक टेक्स्ट में देखने को मिलता है। 16वीं सदी में पुर्तगाली और फिर 17वीं सदी में अंग्रेजों ने इस क्षेत्र पर अपना अधिकार जमाया। हालांकि अंग्रेजो और पुर्तगालियों से पहले अरबों ने यहां इस्लाम धर्म की नीव रख दी थी।
अंग्रेजों के समय में, लक्षद्वीप एक सामुद्रिक बेस के रूप में इस्तेमाल होता था। 1956 में भारत के साथ इसके मिलने के बाद, इसे एक राज्य का दर्जा दे दिया गया और 1973 में, लक्षद्वीप को एक राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
अरब, पुर्तगालियों और ब्रिटिशर्स का कब्जा
लक्षद्वीप का इतिहास अरब, पुर्तगाली और ब्रिटिश साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। अरब सागर में स्थित होने के कारण अक्सर यहां अरबों के जहाज रुकते थे। अरब व्यापारियों ने यहां अपने जहाज़ों को रोककर व्यापार किया और लक्षद्वीप के लोगों के साथ व्यापार के साथ-साथ सांस्कृति भी शेयर की जिससे यहां की अधिकांश आबादी मुस्लिम बन गई।
16वीं सदी में, पुर्तगाली ने इस क्षेत्र पर अधिकार जमाया और ये एक सामुद्रिक बेस बन गया। 17वीं सदी में, अंग्रेज़ भी इस क्षेत्र पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे थे। व्यापार और समुंद्री यात्रा के लिए यह जगह काफी महत्वपूर्ण थी इसलिए ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने पुर्तगालियों से इस द्वीप को अपने कब्जे में ले लिया।
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लक्षद्वीप का भूगोल (Lakshadweep Geography Facts)
लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर अरब सागर में स्थित 36 मूंगा द्वीपों का एक समूह है। यह द्वीपसमूह मालाबार तट से लगभग 200 से 400 किलोमीटर दूर स्थित है। द्वीप अपनी आश्चर्यजनक मूंगा चट्टानों, सफेद रेतीले समुद्र तटों और क्रिस्टल-स्पष्ट फ़िरोज़ा पानी के लिए जाना जाता हैं।
लक्षद्वीप का कुल क्षेत्रफल लगभग 32 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेशों में से एक बनाता है। ये द्वीप एक विशाल क्षेत्र में फैले हुए हैं, जो तीन समूह बनाता हैं: अमिनदीवी द्वीप, लैकाडिव द्वीप और मिनिकॉय द्वीप। कावारत्ती लक्षद्वीप की प्रशासनिक राजधानी के रूप में काम करती है।
द्वीपों के ज्योग्राफिकल लैंडस्केप की विशेषता निचले स्तर के एटोल और टापू हैं, जिनका उच्चतम बिंदु समुद्र तल से केवल कुछ ही मीटर ऊपर है। लक्षद्वीप के आसपास की मूंगा चट्टानें समुद्री जीवन से समृद्ध हैं, जो इस क्षेत्र को जैव विविधता का हॉटस्पॉट बनाती हैं। द्वीपों में उष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव होता है, जिसमें जून से सितंबर तक एक अलग मानसून का मौसम होता है।
लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से मछली पकड़ने, नारियल की खेती और पर्यटन पर निर्भर करती है। द्वीप भारतीय, अरब और मालदीव परंपराओं के मिश्रण से काफी प्रभावित है। लक्षद्वीप तक पहुंच प्रतिबंधित है, और आगंतुकों को क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एक विशेष परमिट की आवश्यकता होती है।
लक्षद्वीप का भारत में विलय
Lakshadweep Facts: लक्षद्वीप, अरब सागर में द्वीपों का एक समूह, 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद विलय प्रक्रिया के माध्यम से भारत का हिस्सा बन गया। द्वीप शुरू में ब्रिटिश शासन के अधीन था और बाद में भारत का केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
लेकिन आजादी के बाद भारत का ध्यान लक्षद्वीप पर नहीं गया, उस दौरान भारत की कोशिश बॉर्डर हिस्सो और मेन लैंड को भारत में जोड़ने की कोशिश थी। लक्षद्वीप की अधिकतर आबादी मुस्लिम थी और भारत का ध्यान लक्षद्वीप पर न होने के कारण पाक के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने इस पर कब्जा करने की कोशिश की जिसे भारतीय फौज ने नाकाम कर दिया। इसके पश्चात इसे भारत में मिला लिया गया।
लक्षद्वीप का भारत में एकीकरण एक क्रमिक प्रक्रिया थी और तब से इस क्षेत्र का प्रशासन भारत सरकार द्वारा किया जाता रहा है। 1956 में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम लागू किया गया, और क्षेत्रों को भाषाई आधार पर पुनर्गठित किया गया। परिणामस्वरूप, लक्षद्वीप, लक्षद्वीप द्वीप समूह और मिनिकॉय द्वीप समूह के साथ, एक केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया।
लक्षद्वीप पर पाकिस्तान ने भेजे जहाज
मुस्लिम बहुल आबादी होने के कारण लियाकत अली खान ने द्वीप को पाकिस्तान में मिलाने की कोशिश की और इसी क्रम में पाकिस्तान ने इसपर कब्जा करने के लिए अपना जहाज भेजा। इस बात की खबर सरदार पटेल को लग गई और उन्होंने तुरंत लक्षद्वीप को भारत में मिलाने के लिए आरकोट रामास्वामी मुदलियार और आर्कोट लक्षणस्वामी मुदलियार को सेना लेकर लक्षद्वीप के लिए रवाना कर दिया। मुदलियार भाईयो ने लक्षद्वीप पर भारतीय तिरंगा लहरा कर भारत का अधिपत्य स्थापित किया।
चंद मिनट की देरी और पाकिस्तान का हो जाता लक्षद्वीप
सरदार पटेल की बातो को मुदलियार भाईयो ने काफी सीरियसली लिया और अपनी टीम के साथ तुरंत लक्षद्वीप के लिए निकल गए और भारत का कब्जा स्थापित कर लिया। माना जाता है की यदि भारतीय फौज लक्षद्वीप पहुंचने में थोड़ी भी देरी करती तो इसपर पाकिस्तान का कब्जा हो जाता क्योंकि पाकिस्तानी युद्धपोत इस द्वीप पर पहुंच चुके थे लेकिन तिरंगा देखकर वे वापस लौट गए।
लक्षद्वीप का महत्व (Lakshadweep Facts)
लक्षद्वीप भारत के लिए भूराजनीतिक और पर्यटन दोनों मामलों में काफी महत्व रखता है।
भूराजनीतिक महत्व
- लक्षद्वीप रणनीतिक रूप से अरब सागर में स्थित है, जो भारत को इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण समुद्री बेस प्रदान करता है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों से इसकी निकटता भारत के रणनीतिक प्रभाव को बढ़ाती है और समुद्री गतिविधियों की प्रभावी निगरानी में मदद करती है।
- द्वीप भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में योगदान करता हैं, जो देश को समुद्री संसाधनों पर विशेष अधिकार प्रदान करता है। यह क्षेत्र मछली पालन, तेल और गैस की खोज और अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल देश के समुद्री हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इस क्षेत्र में अपना मिलिट्री बेस बनाकर रखते है।
पर्यटन महत्व
- लक्षद्वीप अपने प्राचीन समुद्र तटों, मूंगा चट्टानों और साफ नीले पानी के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाता है। यह द्वीप एक शांत और छुट्टी की तलाश में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों पर्यटकों को आकर्षित करताहैं।
- द्वीपों में भारतीय, अरब और मालदीव परंपराओं से प्रभावित एक अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत है।
- लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। यह रोजगार के अवसर प्रदान करता है और स्थानीय हस्तशिल्प और व्यंजनों को बढ़ावा देता है, जो क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देता है।
FAQs
Ques: लक्षद्वीप में कौन सा धर्म सबसे ज्यादा है ?
Ans: लक्षद्वीप में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग सबसे ज्यादा है।
Ques: लक्षद्वीप में इस्लाम कैसे आया ?
Ans: लक्षद्वीप पर अरब व्यापारियों द्वारा इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार किया गया।